हनुमान चालीसा byAnvi Harak •मे १२, २०२४ हनुमान चालीसा ॥ दोहा ॥ श्रीगुरू चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि बरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ॥ चौपाई ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस …